mai-mann-hu-book-review

पुस्तक समीक्षा: मैं मन हूं

 पुस्तक: “मैं मन हूं” 

लेखक: दीप त्रिवेदी 

प्रकाशन: आत्मन इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड

पुस्तक समीक्षा- “मैं मन हूं”

 पुस्तक ” मैं मन हूं” के लेखक का नाम दीप त्रिवेदी है.दीप त्रिवेदी एक बहुत ही जाने-माने साइकोलॉजिस्ट है और उनका नजरिया भी साइकोलॉजिकल है. वह अपनी रचनाओं में जीवन से संबंधित कार्यप्रणाली और तौर-तरीके का वर्णन करते हैं. वह साइकोलॉजिस्ट है यह तो साधारण सी बात है कि वह सामने वाले व्यक्ति के मन-मस्तिष्क का ज्ञान भली-भांति तरीके से कर लेते हैं. इस किताब में भी उन्होंने मन की सभी बातों का वर्णन बड़े ही व्यापक तरीके से किया है और इसे पढ़ना मेरे लिए बड़ा ही दिलचस्प रहा क्योंकि इसमें “मन”का वर्णन बड़े ही दिलकश तरीके से किया है.

 इस किताब में लेखक ने “मन” को इस तरह दिखाया है कि “मन” एक व्यक्ति को बताता है कि किस तरह उसके अच्छे-बुरे काम और सफलता-असफलता के पीछे वह उत्तरदाई है. लेखक आगे बताता है कि अगर हम मन पर विजय प्राप्त कर लें तो हमें जीवन में सफलता ही सफलता मिलेगी.आगे लेखक मन और मस्तिष्क के बीच अंतर का वर्णन करता है वह बताता है कि हमारी ऊर्जा के केवल दो ही स्त्रोत हैं पहला प्रेम और दूसरा क्रोध. उन्होंने क्रोध के कई कारणों का भी उल्लेख किया है.

लेखक एक उदाहरण देते हैं कि जब अंग्रेजों द्वारा आम जनता पर जुल्म किए जाते थे तो आम जनता को उन पर क्रोध तो आता ही होगा लेकिन आम जनता उसे अपने मन के भीतर एक कोने में दबा लेती थी अहिंसा से हमें स्वतंत्रता तो प्राप्त हो गई लेकिन क्रोध लोगों के अंदर से नहीं निकला लेकिन जब निकला तो इसने बहुत ही भयंकर रूप ले लिया हिंदू-मुस्लिम दंगे इसी का उदाहरण है इसलिए कभी भी क्रोध को अपने मन के भीतर नहीं दबाना चाहिए.

इस किताब में काफी अच्छे से मन का वर्णन किया गया है अगर आप यह किताब पढ़े और घर व अपने दोस्तों के साथ इसे सांझा करें तो यह आपके आसपास एक अच्छा माहौल बनाने में आपका मददगार साबित होगा.इस पुस्तक में उदाहरणों की कोई कमी नहीं है जिसके कारण इसे पढ़ने वाला इसमें काफी रूचि दिखाता है और इन्हीं उदाहरणों के कारण यह पुस्तक पाठक को अपने साथ बांधने में सफल रही है.लेखक ने पुस्तक में आप और हम से जुड़ी कई  समस्याएं और उनके समाधान का भी उल्लेख किया है.

इस किताब को पढ़ना मेरे लिए काफी रुचिकर रहा. इसे पढ़ने में मुझे लगभग 15 दिन लगे जब भी मुझे समय मिलता अधिकतर रात के समय मैं इस किताब को पढ़ती. इसमें दिए गए उदाहरणों को मेरे लिए जानना काफी नया और रूचिकर रहा. इससे मैंने कई नई-नई बातें जानी और अपनी रोजाना जिंदगी में भी अपनाई. अगर आप भी इस पुस्तक को पढ़ेंगे तो मैं इस बात की गारंटी लेती हूं कि आपको भी इससे काफी कुछ नया जानने व सीखने को मिलेगा.


Posted

in

by

Tags:

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *