समय कब कैसा रंग दिखाएगा, कोई नहीं जानता। ठंड के मौसम में हम सबने सोचा होगा कि गर्मियों में खूब मस्ती करेंगे, ठंडी जगहों पर घूमने जाएंगे, मीठे मीठे आम और तरबूज का सेवन करेंगे। लेकिन एक बीमारी ने सारे मंसूबों पर पानी फेर दिया। दुनिया के बढ़ते कदमों को थाम दिया। आम और तरबूज खाने की हमारी लालसा अधूरी ही रह गई।
वर्तमान के हालात को देख कर तो ऐसा लगता है कि इस साल की गर्मी घरों में कैद होकर ही बितानी पड़ेगी। वैसे अगर हालात सुधरे, तो तरबूज खाने वाले लोगों को दुगनी खुशी मिल सकती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि मध्य प्रदेश के एक प्रगतिशील किसान श्याम पवार ने तरबूज की एक ऐसी ही फसल उगाई है जिसे बहुत ही कम लोगों ने देखा और चखा होगा। तो आइए, इसके मीठे स्वाद की मन ही मन कल्पना करते हुए जानते हैं इस अनोखे और नए तरह के तरबूज के बारे में।
मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में रहने वाले किसान श्याम पवार भी उन्हीं किसानों की श्रेणी में आते हैं, जो अपना खून पसीना बहा कर इस देश का पेट भरते हैं। एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले श्याम कृषि के क्षेत्र में बहुत दिलचस्पी रखते हैं।
कुछ किसान ऐसे होते हैं, जो दूसरों की जमीन पर खेती करके अपना गुजारा करते हैं और कुछ किसान ऐसे भी होते हैं, जिनके पास खुद की ज़मीन होती है। श्याम पवार के पास भी अपनी पारिवारिक जमीन है, जिस पर खेती करके वह अपने परिवार के लिए फसल उगाते हैं, और साथ ही उन फसलों को बाजार में उचित मूल्य पर बेचते भी हैं।
आमतौर पर जब हम तरबूज शब्द सुनते हैं, तो हमारे मन में एक तस्वीर उभर आती है। लाल रंग और मीठे मीठे रसो से भरा हुआ एक फल, जिसे खाने से दिल को सुकून और ठंडक मिलती है। लेकिन शायद ही किसी ने कभी सोचा होगा कि एक तरबूज ऐसा भी आएगा जिसका रंग लाल होने की बजाय पीला होगा।
यह थोड़ा अविश्वसनीय जरूर है, लेकिन यह कारनामा श्याम पवार ने कर दिखाया है। किसान श्याम पवार ने इस साल दो तरह के तरबूज कि फसल उगाई है। पहला तरबूज वैसा ही है, जैसा हम आज तक देखते आए हैं। अंदर से उसका रंग लाल है, और मीठे रस से भरा हुआ है। लेकिन तरबूज की दूसरी फसल अनोखी है।
रंग अंदर से लाल नहीं बल्कि पीला है
इस तरबूज को जब हम काटते हैं तो उसका रंग अंदर से लाल नहीं बल्कि पीला मिलता है। पहली नजर में इसे देखने पर ऐसा लगता है कि यह तरबूज स्वादिष्ट नहीं होगा। लेकिन जब इसे चखा जाता है, तब यह कल्पनाओं से परे मिलता है। यह तरबूज स्वाद में मीठा होने के साथ-साथ थोड़ा सा खट्टा, या यूं कहें, तो ‘पाइनएप्पल फ्लेवर’ का है।
अपनी इस फसल के बारे में बताते हुए श्याम कहते हैं, कि वह पिछले कई सालों से खेती कर रहे हैं। उन्होंने कई तरह की फसलें उगाई हैं। तरबूज की इस नई फसल को उगाने के बारे में उन्होंने कुछ साल पहले ही सोचा था। वह पिछले वर्ष से ही इस नई प्रजाति के तरबूज की बुवाई कर रहे हैं, जो अन्य प्रजातियों से अलग है। उन्होंने इसके लिए पांच एकड़ जमीन का इस्तेमाल किया है।
इस नए तरीके के तरबूज की बाजारों में मांग बढ़ने लगी है, क्योंकि इसका स्वाद बेहद ही अलग है। यह तरबूज एक चर्चा का विषय भी बन गया है। लेकिन समस्या यह है कि देश की वर्तमान स्थिति सामान्य ना होने की वजह से इसके व्यापार पर भी असर पड़ रहा है।
इस समय पूरी दुनिया एक खतरनाक बीमारी से जूझ रही है। कोई नहीं कह सकता कि स्थिति कब तक सामान्य होगी। लेकिन अगर सब कुछ ठीक रहा और स्थिति सामान्य हो गई, तो इस साल तरबूज के प्रेमियों को एक नए तरह के स्वाद को चखने का मौका मिलेगा। तब तक तरबूज के स्वाद को चखने के लिए मचलते हुए अपने मन को कुछ दिनों के लिए शांत रखें, और टिप्पणी करके जरूर बताएं कि तरबूज के अलावा आपको कौन-कौन से फल खाना पसंद है। payday loan