राजस्थान, की राजनीति में काफी उथल-पुथल के बाद 14 अगस्त को विश्वास मत कराया गया था। और इस विश्वास मत में कांग्रेस की गहलोत सरकार की कुर्सी बच गई थी। लेकिन विश्वास मत के चर्चा के दौरान एक अजीबोगरीब घटना घटी घटना थी कि सुबह के पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट को बैठने के लिए पीछे की सीट आवंटित की गई थी जिसे लेकर सचिन पायलट ने नाराजगी व्यक्त की।
निर्दलीय विधायक के बगल में मिली सीट
सचिन पायलट को निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा के बगल में सीट नंबर 127 मिली थी। और अब शायद आगे भी वह इसी सीट पर बैठेंगे। सीट बदलने को लेकर जिस तरह से पायलट ने बात रखी थी उससे साफ जाहिर हो रहा था कि वह बहुत नाखुश हैं।
सचिन पायलट जब उपमुख्यमंत्री हुआ करते थे तो उन्हें आगे की सीट दी जाती थी लेकिन उपमुख्यमंत्री पद जाने के बाद उन्हें पीछे की सीट आवंटित की गई। सचिन पायलट ने 14 अगस्त को विश्वासमत परिचर्चा के दौरान अपनी सीट को लेकर विधानसभा अध्यक्ष के सामने यह बात रखी थी कि आपने मेरी सीट बदल दी। पहले जब मैं सरकार का हिस्सा था तो मैं आगे बैठाता था, लेकिन आज मेरी सीट पीछे है। सचिन पायलट अपने आपको कांग्रेस का मजबूत योद्धा बताते हुए विधानसभा में कहा, सबसे किनारे में सरहद होता है और सरहद पर उसे ही भेजा जाता है जो सबसे मजबूत होता है।
सचिन पायलट ने अपने भाषण में आगे कहा कि, जो भी कहना सुनना था वह सब मैंने कह दिया है, जो मर्ज था उसे भी मैंने डॉक्टर को बता दिया है। अब समय के साथ सभी बातों का खुलासा होगा। अब सरहद पर चाहे जिस भी तरह का हमला हो किसी भी तरह की गोलीबारी हो, मैं इस सरहद पर कवच की तरह खड़ा रहूंगा।
बदले दिख रहे थे पायलट के तेवर
विश्वास मत के दौरान भाषण देते हुए सूबे के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के तेवर बदले बदले दिख रहे थे। उनके भाषण से साफ लग रहा था कि उनकी बहुत बेज्जती की गई है। ऐसा लग रहा था कि कांग्रेस के आलाकमान के कहने पर पायलट थोड़ा नरमी बरत रहे हैं। unshaven girls