जीवन में अच्छे दिन हो या बुरे दिन, हमेशा नहीं रहते हैं

परिवर्तन आधार है जगत का, यह हम सभी जानते है। कुछ भी स्थायी नहीं है, सुख – दुख, धन – दौलत, मान सम्मान, परंपराये , कठिन व विकट परिस्थिति, कुछ भी नहीं। समय अपने साथ सब बदल देता है। आज हम एक ऐसा ही वृत्तांत देखेंगे जिसमे यह प्रदर्शित होता है कि जीवन में कुछ भी स्थायी नहीं है।

एक समय की बात है, एक राजा अपने राज्य में नीतिसंगत, व कुशलता के साथ राज किया करता था। एक दिन, एक संत मुनिवर उस राज्य में पधारे। जब राजा को इस बात का ज्ञान हुआ तब वह स्वयं, मुनिवर को लेने पहुंचे गए, जहां वह रुके हुए थे। राजा ने उन्हें अपने महल में आने के लिए आमंत्रित किया। मुनि, राजा के साथ उनके महल गए। महल में संत का खूब स्वागत व सत्कार हुआ। राजा ने संत की खूब सेवा की। मुनिवर उस राजा से अत्यधिक प्रभावित हुए।

जब मुनि के वहां से जाने का समय आया तो वापस जाने से पहले उन्होंने राजा को आशीर्वाद के साथ साथ के ताबीज़ दिया और राजा से बोले ” हे राजन् ! जब जीवन में कोई मार्ग न दिखे, चारो तरफ से विपत्तियों और निराशा से घिर जाओ, जब अंधकार सामान परेशानियों से निकलने के लिए कोई भी रोशनी की किरण न दिख रही हो, कोई भी रास्ता न सूझ रहा हो, तब इस ताबीज़ को खोल लेना, इसमें एक ऐसा सिद्ध मन्त्र लिखा है जिससे तुम्हे अवश्य ही फायदा होगा परन्तु याद रहे ऐसी परिस्थिति से पूर्व इसे मत खोलना “।
राजा ने उनकी बात मान ली और उनसे आशीर्वाद लिया।

कुछ समय बाद उस राजा के नगर पर शत्रुओं ने आक्रमण कर दिया। यह आक्रमण इतना अचानक हुआ कि राजा को अपने मित्र राज्यों से सहायता मांगने का अवसर भी नहीं मिला। शत्रु उनसे काफी बलवान था, इसलिए राजा की सेना उन से हार गयी। राजा किसी तरह जान बचा कर जंगलो में जा एक गुफा में छिप गया था। राजा के छिपने के स्थान के बारे में शत्रुओं को पता लग गया था। राजा ने गुफा की तरफ आती हुई शत्रुओ की टोली को देख लिया था। राजा सोचने लगा अब वह समय आ गया है जब मैं अपना सब कुछ खो चूका हूँ, मेरे प्राणों पर बन आयी है, विपत्तियों ने मुझे सभी तरफ से घर लिया है। तभी उसकी नज़र उस ताबीज़ पर पड़ी जो उसे संत ने दिया था। राजा ने सोचा यही उपयुक्त समय है इसे खोल कर उस मन्त्र को जानने का।

राजा ने जब वह ताबीज़ खोला और देखा कि उस पर लिखा था “यह समय भी बीत जायेगा”  यह पढ़ कर राजा को थोड़े सुकून का अनुभव हुआ। इस बीच उसने देखा कि शत्रु उसकी गुफा को छोड़ कर दूसरी गुफा की तलाश के लिए चले गए है। वह राजा जब उस गुफा से बाहर निकला तो देखता है कि उसके मित्र राज्यों ने उसकी सहायता हेतु सेना भेजी है जो कि उस जंगल के दाहिने तरफ वाले मैदान से उसकी तरफ ही आ रही है। उस सेना के सेनापति से बात करने पर राजा को पता लगा कि गुप्तचरों द्वारा जैसे ही उनके मित्र राज्यों को आक्रमण के बारे में ज्ञात हुआ उन्होंने तत्काल अपनी अपनी सेनाएं की कुछ टुकड़ी मदद के लिए भेज दी। उस सेना कि मदद से कुछ ही समय में राजा ने पुनः अपने राज्य पर अधिकार प्राप्त कर लिया।

इस पूरी कहानी से हमे यह सीख मिलती है कि चाहे समय कैसा भी हो आखिरकार बीत ही जाता है। किसी भी प्रकार का समय चाहे अच्छा हो या बुरा, हमेशा के लिए नहीं रहता। hairy girl


Posted

in

by

Tags:

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *