नमस्कार दोस्तो आपका स्वागत है। हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी ने देश को ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा दिया था। उन्होंने हमें बताया कि हमारे देश के उज्वल भविष्य के लिए किसानों का आगे बढ़ना बहुत जरूरी है।
उनके इसी नारे को उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले के पृथ्वी पाल जैसे किसानों ने सार्थक करके दिखाया गया है। जहाँ देश के बहुत सारे किसान कम आमदनी के चलते परेशान हैं तो वहीं पृथ्वी पाल ने अपने हौसले के दम पर अपनी और परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाया। पृथ्वी पाल ने केवल कक्षा 8 तक की पढ़ाई की है। वह अपने खेत मे गन्ने की खेती करते हैं और समय पर फसल का भुगतान न होने पर उनके और परिवार के सामने पैसों के तंगी की समस्या आ गयी। इसके बाद पृथ्वी पाल ने हार नही मानी और गन्ने से सिरका बनाना शुरू किया।
पृथ्वी पाल कहते हैं कि वह बहुत पहले से गन्ने की खेती करते आये हैं। उनकी फसल को वह चीनी मिलों में बेचते थे लेकिन न उन्हें अच्छी कीमत मिल रही थी और न ही समय पर पैसों का भुकतान हो रहा था। इसके कारण उन्होंने गन्ने से सिरका बनाना शुरू किया। मौजूदा कोरोना के हालात में उनके काम मे थोड़ी कमी जरूर आयी है लेकिन उन्होंने अपना हौसला टूटने नही दिया और गन्ने से सिरका बनाने के काम मे बड़ी लगन के साथ जुटे हुए हैं।
सिरके ने खोला किस्मत का दरवाजा
पृथ्वी पाल ने कृषि विज्ञान केंद्र कटिया के फसल सुरक्षा वैज्ञानिक डॉक्टर दयाशंकर श्रीवास्तव से संपर्क करके उनसे अपनी तकलीफ बताई और गन्ने से सिरका बनाने की बात भी बताई। इससे प्रभावित होकर उन्होंने पृथ्वी पाल को पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, लुधियाना से प्रशिक्षण दिलाने के साथ-साथ सिरका प्रौद्योगिकी तकनीक हस्तांतरण भी कराया। इसके बाद उन्होंने बिना कोई संकोच किये बडी लगन से अपने घर में सिरका बनाने की शुरुआत की और आज वो हर महीने अपने इस कारोबार से लाखों रुपये कमा रहे हैं।
पृथ्वी पाल का घर और खेत बाढ़ प्रभावित इलाकों में आते हैं, इसलिए गन्ने के अलावा कोई और फसल की खेती करने पर फसल के डूब जाने का खतरा बना रहता है। इसलिए वह हमेशा अपनी 2 एकड़ जमीन में गन्ने की खेती ही करते हैं। इस 2 एकड़ जमीन में लगभग 1200 कुंटल गन्ने का उत्पादन होता है। वह 325 रुपये प्रति कुंटल की दर से अपने गन्ने को चीनी मिल में बेचते थे। परंतु इसके बाद भी उन्हें भुगतान समय पर नही मिलता था। सिरके के एक लीटर की बोटल को बनाने में लगभग 50 रूपये का खर्च आता है और 1 लीटर की बोटल बाजार में लगभग 100 रुपये में बिक जाती है। उन्होंने हमें बताया कि वो हर महीने लगभग 2000 लीटर सिरका तैयार कर लेते हैं।
पृथ्वी पाल ज्यादा पढ़े लिखे नही है और उन्हें हमेशा इस बात का मलाल रहता है। उन्होंने अपने बेटों को अच्छी शिक्षा देकर उसे इंडस्ट्रियल केमिस्ट्री में एमएससी कराया। इसके बाद किसी मल्टी नेशनल कंपनी में काम न करा कर खुद के सिरके के काम मे लगा दिया। उनके इस प्रयास से आस- पास के किसान बहुत प्रभावी हुए हैं। उनसे सिरका बनाने के गुर को सीखने दूर दराज से किसान आ रहे हैं। वो भी बड़ी खुशी से इसे दुसरो को सीखा भी रहे हैं। पृथ्वी पाल ने हमे बताया कि एक कुंटल गन्ने को चीनी मिल में बेचने पर 325 रुपये मिलते थे और इसकी लागत करीब 200 रुपये प्रति कुंटल आती थी। इसके बाद भी भुगतान में लगभग 1 वर्ष का समय लग जाता था। जबकि सिरका बनाने में महज 50 रुपये लगते हैं और भुकतान के रूप में 100 रुपये तक मिल जाते हैं।
एक समय ऐसा भी था कि उनके सामने आर्थिक संकट आ गया था और आज के समय पूरे गाँव मे उनका नाम बहुत सम्मान से लिया जाता है। गन्ने की खेती से सबसे अधिक उपज के लिए उन्हें उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री से सम्मान भी मिला।
पृथ्वी पाल ने कहा कि लॉकडाउन खुलने के बाद वो अपने सिरके को और भी अधिक लोगो तक पहुचाने के लिए एक वेबसाइट भी तैयार करा रहे हैं। इससे और भी लोग उनके सिरके को खरीद सकते हैं। उनका सिरका और बाकी सिरको से बहुत खास है। उनके सिरको में सादा सिरका, जामुन सिरका, गुलाब सिरका, सौंफ सिरका सहित आठ प्रकार के सिरको का समावेश है। उनके द्वारा बनाया गया यह सिरका पूरी तरह से जैविक है और इसमे किसी भी तरह के रसायन का इस्तेमाल नही किया गया है। इसके ही साथ साथ गन्ने की फसल में भी केवल जैविक खादों का ही इस्तेमाल किया गया है।
सिरका है औषधीय गुणों से भरपूर
कृषि विज्ञान केंद्र कटिया के अध्यक्ष डॉ आनन्द सिंह ने बताया कि सिरका घरेलू नुस्खे में बहुत काम आता है। जैसे अगर किसी को हिचकी आ रही हो तो एक चम्मच सिरके का सेवन करने से काफी राहत मिलती है। इसके अलावा वजन कम करने में भी सिरका बहुत कारगर होता है।
तो आज के इस आर्टिकल में हमने आपको एक मेहनतकश किसान की सच्ची कहानी बताई। अगर दिल मे हौसला और लगन हो तो सब कुछ मुमकिन है। आप अपनी राय हमें नीचे कमेंट करके बता सकते हैं और मजेदार आर्टिकल के लिए K4 को फॉलो कीजिये। unshaven girl
Very nice