जब भी हम किसी किसान के बारे मे बात करते है तो हमें उन पर दया आती है क्योंकि इतना कष्ट उठाने के बाद भी उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नही है। कई किसानो का जीवन दयनीय है किंतु जो अपने प्रयास और प्रतिष्ठा से काम करते आए है उन्होंने अपना जीवन स्वयं ही सुखमय बनाया है।
उनमें से एक चैनु राम मंडावी भी है जिन्होंने संघर्ष करके की कमाई कर रहे हैं । ये छत्तीसगढ़ के कोंडागांव के रहने वाले है। एक शिक्षित पुरुष होने पर भी परिवार के दबाव के कारण इन्होंने किसान बनना स्वीकारा। शुरुआत मे हर मनुष्य के तरह इन्हें भी बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ा, पर धीरज से काम करने पर इन्हें आज गाँव मे सब जानते है और इतना ही नही, आज इनके बारे मे हम पढ़ भी रहे है।
2014 से इन्होंने खेती मे हर बार कुछ नया करने की चेष्ठा की। परिश्रम करने पर इसी वर्ष इन्हें कुम्हड़ा खेती से लाभ मिलने लगा । इससे इन्हें हौसला मिला और इन्होंने और सब्ज़ियाँ उगाने का निर्णय लिया।
इन्होंने बीएन नाम का बीज उत्पादक कम्पनी से बात किया और अपनी ज़मीन पर ड्रीप और स्प्रिंकलर और मल्चिंग करवा कर अपने चार एकड़ भूमि को और उपजाऊ बनाया। फिर ये कृषकों नाम की कम्पनी से भी जुड़ गए जिसके साथ इन्होंने बीज के गुणवत्ता मे काम किया और उसे बेहतर बनाने के लिए कुछ सुधार भी किया। शिक्षित होने के कारण इन्हें फ़सलो की बीमारियों के बारे मे भी ज्ञान था। इसे सुधारने के लिए इन्होंने बहुत किसानो से बात भी की।
चैनू राम मंडावी का कहना है की यदि हर किसान को आधुनिक तौर तरीक़ों के बारे मे ज्ञान दिया जाए तो बहुत से किसानो का घर बस सकता है और जीवन भी सुखमय हो सकता है। वे लोग भी इन्ही के तरह लाखों कमा सकते है।
चैनू राम मंडावी ने एक वर्ष मे सब्ज़ियाँ उगा कर 25 लाख कमाए है और आज ये कई किसानो के लिए प्रेरणा बन चुके है। быстрые займы на карту
किसानों को नगद मदद देने के बजाय _ उकसाने वाले नेताओं को भी इनकी और प्रशिखन के लिए भेजना चाहिए. अनेक किसान रोना रोने के बजाय नया तकनीक अपनाकर अपना भाग्य चमकाते है, शादी के लिए सरकार मदद भी देती है, तो शादी के लिए कर्ज लेकर बादमे आत्महत्या करना कोंसी समजदारी है ? नुक्सान बढ़ा चढ़ाकर दिखाते है, तो ये सीधा सवाल नहीं होता की पिचले सालों में उसे उतनाही फायदा भी हुवा था ? . बकरी, मचली, मधु माखी , खरगोश, बतख आदि सह उद्योग आस्सानिसे खेती के साथ किये जा कर अपनीआय बधाई जा सकती है, जिसके लिए भी शासन मदद देती है. आन्दोलन के बजे इन्हें भी अपनाइए, केवल प्राकृत में ही मदद मांगिये. आय कर भरनेवालों को खेती से ही भारी आय कैसे होती है, यह भी त्लासिये. मो. क्रमांक ९९२६६३९४७० pkdhande@gmail.com
yah बताइये की ५ से ८ तन खाद के लिए कुल कितनी शिटे लगेगी, कितनी जगह लगेगी खाद चान ने बाद शेष मटेरियल का क्या करेंगे, और यदि शिट के बजे गद्देमे करे तो क्या करना पडेगा, केंचुए कहा से लायेंगे, और ज्यादा संख्या बैनर पर दूसरों को दिए या बेचे जा सकते है क्या ?
केंचुआ खाद बनाने की विधि इस लेख में समझायी गई है – https://www.k4feed.com/hindi/preparing-vermicompost/