आज मधुमेह (डायबिटीज) बहुत तेजी से फैल रही है। दुनिया भर में बड़ी संख्या में लोग इस बीमारी से ग्रसित है। इस बीमारी से बचने के लिए लोगों ने चीनी खाना कम कर दिया है तो चीनी के विकल्प भी ढूँढे जा रहे हैं। मोटापे और भारी वजन से परेशान लोग अक्सर पूछते हैं कि चीनी के विकल्प के तौर पर गुड़ का इस्तेमाल किया जा सकता है या नही। लोग बताते हैं कि गुड़ मे चीनी की तुलना में कैलोरी काफी कम होती है।जबकि ऐसा नहीं है। आइए जानते हैं कि दोनों में कौन सी चीज हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छी है।
चीनी और गुड़ दोनों ही गन्ने के रस से बनाए जाते हैं बस दोनों को बनाने की प्रक्रिया अलग अलग है।
चीनी को बनाने की प्रक्रिया में उसके सारे पोषक तत्वों का ह्रास हो जाता है। जबकि गुड़ में कैलोरी के साथ विटामिन, प्रोटीन, आयरन, मिनरल्स, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट्स, पोटैशियम आदि खनिज तत्व भी होते हैं। चीनी की जगह रोजाना गुड़ का सेवन करने से मोटापा कम होने में मदद मिलती है। संयुक्त राज्य राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान के मुताबिक, सफेद चीनी से केवल कैलोरी ही मिलती हैं क्योंकि उसे साफ करने की प्रक्रिया में उसके लगभग सारे विटामिन और खनिज नष्ट हो जाते हैं, जिससे चीनी की पौष्टिकता लगभग खत्म हो जाती है। जो लोग वजन कम करना चाहते हैं उन्हे सफेद चीनी से परहेज करना चाहिए। इसके साथ ही वो लोग जो लोग शुगर की बीमारी से ग्रसित है उन्हें तो सफेद चीनी बिलकुल छोड़ देना चाहिए। इसके स्थान पर गुड या प्राकृतिक मिठास वाले पदार्थों का चयन करना चाहिए जैसे शहद खजूर छुहारा आदि। इनके सेवन से सेहत को फायदा होता है।
चीनी की प्रॉसेसिंग करके सफेद बनाया जाता है, इसलिए चीनी नुकसानदायक होती है, जबकि गुड़ काफी हद तक नैचुरल होता है। आप चीनी पूरी तरह छोड़ दें तो आपकी सेहत को कई फायदे मिलेंगे।
आयुर्वेद के अनुसार गुड़ का सेवन करने से वायु प्रदूषण के दुष्प्रभाव से फेफड़ों को बचाया जा सकता है। सफेद चीनी आपकी सेहत की दुश्मन है। सफेद चीनी यानी रिफाइंड शुगर के सेवन से आपके शरीर को ढेर सारे नुकसान होते हैं। इससे आपका वजन बढ़ता है, ब्लड शुगर बढ़ता है, इसमें कोई पोषक तत्व नहीं होते और लंबे समय तक सेवन से आपको हार्ट की बीमारियां, डायबिटीज और मोटापा आदि का खतरा रहता है। इसलिए सफेद चीनी को खाने से दूर रखना ही हमारे स्वास्थ्य के लिए उचित है।
सफेद चीनी छोड़ देने का मतलब सिर्फ यह नहीं है कि आप घर पर चीनी का इस्तेमाल बंद कर दें। बाजार में मिलने वाले सभी मिठाइयों में भी सफेद चीनी का ही प्रयोग किया जाता है ऐसी सभी चीजों से भी दूरी बनानी होगी। रोजमर्रा की जरूरतों जैसे चाय बनाने, शर्बत बनाने, खीर बनाने और दूसरी डिशेज बनाते समय आप गुड़ का इस्तेमाल आराम से कर सकते हैं।
गुड़ है फायदेमंद
पुराने लोग गुड़ ही खाते थे गुड बनाने में किसी प्रकार के केमिकल की जरूरत नही पड़ती है। इसलिए इसका बुरा प्रभाव नहीं पड़ता। आइए जानते हैं कि गुड़ किस प्रकार से हमारे लिए लाभदायक होता है।
1.पाचन में मददगार
गुड़ के सेवन से पाचन क्रिया बेहतर होती है। पेट से सबंधित परेशानियों जैसे गैस, खट्टी डकार अपच का सामना नहीं करना पड़ता है। गुड़ शरीर में यह जमा विषैले पदार्थों( टाक्सिन) को भी बाहर निकालने का काम करता है।
2.रक्त अल्पता दूर करने में मददगार
गुड़ में आयरन की भरपूर मात्रा होती है जिससे शरीर में रक्त अल्पता दूर होती है। साथ ही खून भी साफ होता है।
3.त्वचा को सुंदर बनाएं
त्वचा के लिए भी गुड़ का सेवन करना काफी लाभदायी होता है। रात को सोने से पहले गुड़ खाने से सुबह पेट एकदम साफ हो जाता है। ऐसे मे इसका असर चेहरे पर दिखाई देता है। शरीर में टाक्सिन न रहने से त्वचा कांतिमान बनती है।
आजकल लोग फायदे के लिए गुड़ में मिलावट करने लगे है इसलिए गुड़ को खरीदते समय सावधानी बरतनी चाहिए। हल्के रंग के गुड़ को नही खरीदना चाहिए क्योंकि उसमें सुपर फास्फेट नामक रसायन का प्रयोग किया जाता है। जिससे गुड़ देखने में अच्छा लगता है।
अच्छे गुड़ का करे चयन
आज बाजार में हल्के और गहरे दोनों रंग का गुड़ मिलता है ऐसे में लोग भ्रमित हो जाते हैं तो जान लेना बहुत जरूरी है कि गहरे लाल भूरे रंग का गुड़ ही सेहत के लिए उत्तम है । गुड़ कह कर बेचे जाने वाले कुछ उत्पादों में सुपर-फॉस्फेट नामक एक रसायन होता है, जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह होता है। सफेद, साफ-सुथरा दिखने वाला गुड़ सुपर-फॉस्फेट वाला गुड़ होता है, जिससे बचना चाहिए। बदसूरत सा, गहरे रंग का गुड़ आम तौर पर असली गुड़ होता है। गुड़ का संतुलित उपयोग हमें बीमारियों से दूर रखता है। और हमारे भोजन में मिठास लाता है। तो आप भी गुड़ का संतुलित उपयोग करें और स्वस्थ रहें। займ на карту онлайн