आखिर क्यों जरूरी है सकारात्मक सोच को अपने आचरण में अपनाना?

हमारी सोच का हमारे व्यक्तित्व पर बहुत गहरा असर होता है। हमारे मन-मस्तिष्क में हमेशा दो तरह के विचार उत्पन्न होते हैं- सकारात्मक और नकारात्मक। यह विचार हमारे अंदर दो तरह के बीज होते हैं, जो आगे चलकर हमारे दृष्टिकोण एवं व्यवहार रूपी पेड़ की आधार शिला बनते हैं। इसलिए जैसा हम सोचते हैं, वैसा ही हमारा आचरण होता है। आप सभी जानते हैं कि हमारे विचारों पर हमारा स्वयं का नियंत्रण नहीं होता, इसलिए यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि हम क्या सोचते हैं। सकारात्मक सोच की शक्ति घोर अंधेरे में भी आशा की किरणों की तरह होती है, जो हमें सही मार्ग प्रदान करती हैं।

नकारात्मकता को नकारात्मक सोच समाप्त नहीं कर सकती, नकारात्मकता को केवल सकारात्मकता ही समाप्त कर सकती है और सकारात्मकता की शुरुआत आशा और विश्वास से होती है। किसी व्यक्ति ने सच ही कहा है-

“सकारात्मक सोचना या ना सोचना हमारे मन के नियंत्रण में है और हमारा मन हमारे नियंत्रण में है अगर हम अपने मन से नियंत्रण हटा लेंगे तो मन अपनी मर्जी का काम करेगा और हमें पता भी नहीं चलेगा कि कब हमारे मन में नकारात्मक पेड़ उग गए है”।

आज, हम अपने दर्शकों को एक कहानी के माध्यम से, हर समय में सकारात्मक सोच रखने के लिए प्रेरित करेंगे और हम आशा करते हैं कि आप सकारात्मक सोच अपने आचरण में जरूर अपनाएंगे।

एक सेवक अपने राजा के लिए प्रतिदिन उसके बाद से अलग-अलग फल लेकर जाता था। एक दिन राजा के बाग में नारियल, अमरूद और अंगूर एक साथ पक गए। सेवक ने थोड़ी देर सोचा और अपने राजा के लिए अंगूर तोड़कर टोकरी में रख दिया। अंगूर की टोकरी लेकर जब राजा के पास पहुंचा तब राजा अपने राज्य की समस्याओं के कारण चिंतित थे और गहन सोच-विचार में थे, सेवक ने उनके सामने टोकरी रख दी और वह थोड़ी दूर बैठ गया। चिंतित राजा टोकरी में से कुछ अंगूर खाते और कुछ सेवक की तरफ फेंक दिया करते थे। जब राजा सेवक के तरफ अंगूर फेंकते थे तब सेवक भगवान का नमन करके यह कहता था कि भगवान तो बड़ा दयालु है। राजा ने जब यह बात सुनी तो उसने हैरानी से पूछा तुम क्रोधित ना होकर भगवान को क्यों याद कर रहे हो। सेवक ने राजा को बड़ी विनम्रता से उत्तर दिया कि “महाराज आज बाग में नारियल, अमरूद और अंगूर तीनों पक गए थे, मैं इस सोच में था कि आपके लिए क्या लेकर जाऊं और मैं आज अंगूर लेकर आया परंतु अगर में नारियल या अमरूद लेकर आया होता तो मेरा बुरा हाल हो गया होता इसलिए मैं भगवान का शुक्रिया अदा कर रहा हूं”इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है किस समय पक्ष में हो या विपक्ष में, हमें हर स्थिति में सकारात्मक सोच रखनी चाहिए तथा भगवान का आभार मानना चाहिए।

आशा करता हूं यह कहानी आपको पसंद आई होगी। अपनी राय कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं और ऐसे ही प्रेरणात्मक कहानियों के लिए K4 Feed के साथ जुड़े रहे। आप हमें फेसबुक, टि्वटर, इंस्टाग्राम पर भी फॉलो कर सकते हैं। займ на карту


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