Category: सदवाणी
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राजा ने मंत्री को आदेश दिया कि राज्य के बूढ़े लोगों को खत्म कर दो….
कहावत है कि सोना जितना पुराना होता है, उतना ज्यादा चमकता है। लेकिन क्या यह कहावत सिर्फ एक धातु के लिए ही है? ऐसा नहीं है, इंसानों पर भी यह बात उसी तरह लागू होती है। समय के साथ साथ इंसान की हड्डियां तो कमजोर हो जाती हैं लेकिन उसका अनुभव दिन प्रतिदिन मजबूत होता…
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ग्वाले ने राजा से कहा कि मैं भी सम्राट हूं, लेकिन….
तनाव, मन को इस तरह से जकड़ लेता है कि इंसान जीवन की कठिनाइयों से निकलने के उपाय तक सोच नहीं पाता। तनाव से बचने के लिए मन को शांत रखने की आवश्यकता होती है, ताकि मनुष्य उस तनाव का कारण जान उसे अपने जीवन से हटा सके, और शांति पाने का सबसे उपयुक्त तरीका…
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जब भक्ति में पवन पुत्र ने शरीर पर सिन्दूर मल लिया
सिन्दूरं रक्तवर्णं च सिन्दूरतिलकप्रिये। भक्तयां दत्तं मया देव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम।। भक्त शिरोमणि महाबली हनुमान पर सिन्दूर चढ़ाते वक़्त, उनका सिन्दूर से श्रृंगार करते समय इस मन्त्र का उच्चारण किया जाता है। उनके इस श्रृंगार के पीछे कि कथा भी काफी रोचक है। चलिए इसे जानते है एक बार जब माता सीता अपने कक्ष में श्रृंगार…
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संत को मार्ग से एक स्वर्ण मुद्रा मिली….
लालच के दुष्परिणाम हम सभी जानते है, लेकिन फिर भी कभी न कभी इस कुचक्र में फंस ही जाते है। लालची इंसान के भीतर अविश्वास होता है। दुसरो से अधिक से अधिक से अधिक प्राप्त करने की चाह ही इसे जन्म देती है, वह किसी नीति व नियमो को नहीं मानता। दरअसल लालच का जन्म…
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फल की चिंता करे बिना नित्य ही अपने काम में मगन रहें
काम करते वक़्त अगर आप चिंताओं से ग्रस्त है, हर वक़्त सोचते रहते है की आगे कुछ बुरा न हो जाये, तो आप सदैव ही परेशान रहेंगे। अगर काम आपको बोझ प्रतीत होता है, तो उसे इंसान पूर्ण निष्ठा से नहीं कर सकता। चिंताओं से मुक्त होकर, प्रसन्नचित्त होकर, बोझ नहीं कर्त्तव्य समझकर कार्य करने…
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जीवन की गाठों का रहस्य
गौतम बुद्ध, जिनकी सीख, जिनके जीवन को देखने के नज़रिए, उनके उपदेश सदैव ही मानवजाति को एक आदर्श जीवन के सूत्र बतलाते रहेंगे। उनके द्वारा बताई गयी सीख व शैली जो भी अपने जीवन में उतार ले, तो वह सब कष्टों को भुलाकर, सही मायनो में सुख की प्राप्ति कर ले। आज एक ऐसे ही…
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जीवन में अच्छे दिन हो या बुरे दिन, हमेशा नहीं रहते हैं
परिवर्तन आधार है जगत का, यह हम सभी जानते है। कुछ भी स्थायी नहीं है, सुख – दुख, धन – दौलत, मान सम्मान, परंपराये , कठिन व विकट परिस्थिति, कुछ भी नहीं। समय अपने साथ सब बदल देता है। आज हम एक ऐसा ही वृत्तांत देखेंगे जिसमे यह प्रदर्शित होता है कि जीवन में कुछ भी…
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संत को भक्त ने दान में दी गाय तो उन्होंने शिष्य से कहा कि …..
जीवन में समभाव सुख व दुख यह दोनों ही मनुष्यो के जीवन में आते है। जो मनुष्य इन परिस्थितियों में भी समभाव में रहता है, वही सही मायनो में प्रसन्न रहता है। जो सुख के समय भी अधिक हर्षित न हो, और दुख में अतयंत निराश व नकारत्मकता से न घिरे वह ही समझदार माने…
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संत ने सेठ को पीने के लिए दूध दिया, सेठ ने कहा कि ये तो कड़वा है….
क्रोध द्वारा वाणी की कड़वाहट क्रोध के जन्म लेते ही विचार करने कि शक्ति चली जाती है। एक अन्धकार सा छा जाता है, जीवन बिखर जाता है। क्रोध में सबसे ज्यादा नुकसान जिह्वा से निकले शब्दों से होता है। सालो के रिश्ते इस क्रोध के कारण टूट जाते है। क्रोध के समय वाणी पर संयम सबसे…
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एक व्यक्ति ने संत से कहा कि मुझे शराब की लत है…..
अच्छा जब कोई इंसान किसी बुरी आदत की लपेट में आ जाता है तो वह साधु, संत, महात्मा की शरण में जा पहुंचता है। और वो इंसान सोचता है कि जब मैं इन महात्माओं की मीठी वाणी और सत्य वचन सुन लूंगा मेरी तो बुरी आदतें खुद-ब-खुद छूट जाएंगी। लेकिन यह उस इंसान की सिर्फ…